जून 21, 2025

स्वास्थ्य ही समस्त सम्पद है

Eastern Crescent
11 Min Read
79 Views
11 Min Read

स्वास्थ्य ही समस्त सम्पद है

स्वास्थ्य दुनिया में अल्लाह की उन कुछ नेमतों में से एक है जिसकी हम तब तक कद्र नहीं करते जब तक वह हमारे साथ है, लेकिन जैसे ही वह हमसे दूर जाती है, हमें तुरंत एहसास होता है कि यह हमारी सारी दौलत से कहीं अधिक कीमती थी।

डॉ. मुहम्मद उमैर मलिक (एमडी)

[लेखक, डॉ. उमैर मलिक, अमेरिका स्थित एक चिकित्सक हैं, जिनके पास दुनिया भर के रोगियों के साथ काम करने का व्यापक अनुभव है और उन्होंने इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज और अमेरिका में चिकित्सा का अध्ययन किया है। यह लेख ईस्टर्न कृसेन्ट के लिए उर्दू से अनुवादित है – संपादक।]

 

ये कहानी हैरान कर देने वाली और होश उड़ा देने वाली है. एक बार हज़रत मूसा (आ:) ने अल्लाह से पूछा:

“हे इस ब्रह्मांड के मालिक! यदि कोई व्यक्ति आपसे एक नेमत मांगता है, तो उसे क्या मांगना चाहिए?”

अल्लाह तआला ने उत्तर दिया: “स्वास्थ्य।”

जब मैंने यह कहानी पढ़ी तो मैं अवाक रह गया। स्वास्थ्य वास्तव में अल्लाह की ओर से एक महान उपहार है और सर्वोच्च निर्माता ने मनुष्यों को स्वस्थ रखने के लिए उतना प्यार नहीं दिखाया होगा और उतनी योजना नहीं बनाई होगी जितनी उसने पूरे ब्रह्मांड को बनाने के लिए की होगी। हमारे शरीर के अंदर ऐसी-ऐसी प्रणालियाँ हैं जिनके बारे में जब हम सोचते हैं तो इंसान की बुद्धि चकित रह जाती है। हममें से प्रत्येक व्यक्ति साढ़े चार हजार बीमारियों के साथ पैदा होता है। ये बीमारियाँ हर समय सक्रिय रहती हैं, लेकिन हमारी ‘प्रतिरक्षा’ हमारे शरीर प्रणालियों को इन हत्यारों से बचाती रहती है। उदाहरण के लिए:

हमारा मुंह हर दिन बैक्टीरिया पैदा करता है जो हमारे दिल को कमजोर करता है, लेकिन जब हम तेज चलते हैं या जॉगिंग करते हैं, तो हमारा मुंह खुल जाता है, हम तेजी से सांस लेते हैं, यह तेज या भारी सांस लेने से ये कीटाणु मर जाते हैं और इस तरह हमारा दिल इन हानिकारक कीटाणुओं से बच जाता है।

दुनिया की पहली बाईपास सर्जरी मई 1960 में हुई थी, लेकिन इस बाईपास में हम जो पाइप इस्तेमाल करते हैं, उन्हें अल्लाह ने लाखों साल पहले ही हमारे पैरों में डाल दिया था।

किडनी प्रत्यारोपण 17 जून 1950 को शुरू हुआ, लेकिन अल्लाह ने लाखों साल पहले से हमारी दोनों किडनी के बीच एक जगह रखी हुई है जहां तीसरी किडनी फिट हो सकती है।

हमारी पसलियों में कुछ बहुत छोटी हड्डियाँ होती हैं। इन हड्डियों को हमेशा अनावश्यक माना जाता था, लेकिन आज यह पाया गया कि दुनिया में कुछ ऐसे बच्चे भी पैदा  होते हैं जिनकी हंसली जोड़े हुए होते है – वे गर्दन नहीं हिला सकते, खाना नहीं चबा सकते और सामान्य बच्चों की तरह बोल नहीं सकते। जब सर्जनों ने इन बच्चों की पसलियों और अतिरिक्त हड्डियों का विश्लेषण किया तो पता चला कि ये अतिरिक्त हड्डियां और पसलियों की हड्डियां एक जैसी हैं। इसलिए सर्जन अब छोटी पसली की हड्डियों को काटकर गले में फिट कर देते हैं और इस तरह ये विकलांग बच्चे सामान्य जीवन जीने लगते हैं।

 हमारा लीवर शरीर का एकमात्र ऐसा अंग है जो अपने मूल से कट जाने के बाद भी कार्य करता है। यदि हमारी उंगली कट जाए, हाथ कट जाए या शरीर का कोई अन्य अंग कट जाए तो वह अलग से जीवित नहीं होता, बल्कि उसे अपने मूल से जोड़ने का प्रयास किया जाता है, जबकि लीवर ही एकमात्र ऐसा अंग है जो मूल शरीर से अलग किये जाने के बाद भी दोबारा विकसित हो जाता है। वैज्ञानिकों को आश्चर्य हुआ कि सर्वोच्च रचयिता-अल्लाह ने यह क्षमता जिगर में हि क्यों रखी है। आज पता चला कि लीवर शरीर का मुख्य अंग है, इसके बिना जीवन संभव नहीं है और इसी विशेष क्षमता के कारण इसका प्रत्यारोपण किया जा सकता है। चिकित्सकीय दृष्टि से आप दूसरों को लीवर दान कर सकते हैं।

ये अल्लाह तआला के कुछ असाधारण चमत्कार हैं – जो हमारे सामने और उससे परे हर चीज में प्रवर्तक हैं, जो मानव जाति को आश्चर्यचकित करते हैं जबकि ऐसे हजारों चमत्कारी आशीर्वाद हमारे अपने शरीर में छिपे हुए हैं और ये नेमत हमें स्वस्थ रखते हैं। हम रोज सोते हैं, हमारी नींद मौत का ट्रेलर है। मनुष्य की तंद्रा, झपकी, गहरी नींद, बेहोशी और मृत्यु ये एक ही क्रम की पांच अलग-अलग अवस्थाएं हैं। जब हम गहरी नींद में चले जाते हैं तो हमारे और मृत्यु के बीच केवल बेहोशी की अवस्था रह जाती है। हम हर सुबह मौत की दहलीज से वापस आ जाते हैं लेकिन हमें इसका एहसास तक नहीं होता।

स्वास्थ्य दुनिया में अल्लाह की उन कुछ नेमतों में से एक है जिसकी हम तब तक कद्र नहीं करते जब तक वह हमारे साथ है, लेकिन जैसे ही वह हमसे दूर जाती है, हमें तुरंत एहसास होता है कि यह हमारी सारी दौलत से कहीं अधिक कीमती थी। अगर हम एक दिन मेज पर बैठें और अपने सिर के बालों से लेकर पैर की उंगलियों तक अपने स्वास्थ्य का आत्मनिरीक्षण करें, तो हम पाएंगे कि हममें से हर कोई अरबपति है।

हमारी पलकों में कुछ मांसपेशियाँ होती हैं, ये मांसपेशियाँ हमारी पलकों को ऊपर और नीचे करने में मदद करती हैं। यदि ये शटर काम करना बंद कर दें तो व्यक्ति अपनी आँखें नहीं खोल सकता, देख नहीं सकता; और इस बीमारी का आज तक दुनिया में कोई इलाज नहीं है। दुनिया में 50 से ज्यादा बेहद अमीर लोग इस समय इस बीमारी से पीड़ित हैं और सिर्फ अपनी पलकें उठाने के लिए दुनिया भर के सर्जनों और डॉक्टरों को लाखों डॉलर देने को तैयार हैं।

हमारे कानों में कबूतर के आंसुओं के बराबर एक तरल पदार्थ होता है। यह पारा प्रकार का तरल पदार्थ है। इस द्रव के कारण ही हम सीधे चलते हैं। यदि यह खत्म हो जाए तो हम दिशा निर्धारित नहीं कर पाते, हम अपने लक्ष्य से हट जाते हैं और इधर-उधर उलझने और टकराने लगते हैं। दुनिया के सैकड़ों-हजारों अमीर लोग सिर्फ आंसुओं की बूंद कि तरह इस कतरे के लिए लाखों डॉलर चुकाने को तैयार हैं।

एक स्वस्थ किडनी के लिए लोग 40 से 50 लाख रुपये तक देने को तैयार रहते हैं। आंखों का कॉर्निया लाखों रुपए में बिकता है। एक दिल की कीमत करोड़ों रुपये होती है। जब आपकी एड़ी में दर्द हो, तो उस दर्द से राहत पाने के लिए आप  हजारों रुपये खर्च करने के लिए तैयार होते हैं। दुनिया के लाखों अमीर लोग कमर दर्द से पीड़ित हैं। गर्दन की सील में परिशानि होने से व्यक्ति का जीवन कष्टमय हो जाता है। अगर उंगलियों के जोड़ों में सिर्फ नमक जमा हो जाए तो व्यक्ति मौत की दुआ मांगने लगता है। कब्ज और बवासीर ने लाखों लोगों की जान ले ली है। दांत और दाढ़ का दर्द रातों को बेचैन कर देता है। सिरदर्द हजारों लोगों को पागल बना रहा है। शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर की दवा बनाने वाली दवा निर्माता कंपनियाँ हर साल अरबों डॉलर कमा रही हैं। अल्लाह न करे, अगर आप किसी गंभीर त्वचा रोग के शिकार हैं तो आप अपनी जेब में लाखों रुपये लेकर घूमेंगे, लेकिन जल्द ठीक नहीं हो पाएंगे। सांसों की दुर्गंध एक मामूली समस्या लग सकती है, लेकिन हर साल लाखों लोग इस पर अरबों डॉलर खर्च करते हैं। कभी-कभी हमारे पेट में एक विशेष प्रकार का एसिड नहीं बनता है और हम इस दुनिया में “बेचैन” रह जाते हैं जो दुनिया अन्यथा विलासिता से भरी है।

हमारा स्वास्थ्य अल्लाह का सबसे विशेष इनाम है, लेकिन हम सभी दयालु अल्लाह की इस दया को अनदेखा करते हैं। हम इस महान दयालुता के लिए अल्लाह – सर्वशक्तिमान को धन्यवाद नहीं देते हैं। यदि हम प्रतिदिन बिस्तर से उठते हैं, हम जो चाहते हैं वह खाते हैं और वह पच जाता है, हम सीधे चल सकते हैं, दौड़ सकते हैं, झुक सकते हैं और हमारा हृदय, मस्तिष्क, यकृत और गुर्दे ठीक से काम कर रहे हैं, यदि हम अपनी आँखों से देख सकते हैं, हमारे कान से सुन सकते हैं, हमारे हाथों से स्पर्श कर सकते हैं, हमारी नाक से गंध ले सकते हैं, और हमारे मुंह से स्वाद चख सकते हैं; तो फिर हम सब अल्लाह ताला की इन कृपाओं और रहमतों के एहसानमंद हैं। हमें हमारे निर्माता – इस ब्रह्मांड के खालिक, को हमारे लिए इस महान दयालुता के लिए धन्यवाद देना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य एक नेमत है जो इस दुनिया की हर चीज से बेहतर है। यदि स्वास्थ्य स्थायी रूप से नष्ट हो जाए तो हम सारी दुनिया का खजा़ना खर्च करके भी उसे वापस नहीं पा सकते। हम अपनी रीढ़ की हड्डी की एक छोटी हड्डी भी सीधा नहीं कर पाते हैं।

हे अल्लाह, आपको अरबों-अरबों धन्यवाद। “फ़बी अय्यि आ’ला यौरब्बीकुमा तुकाज्ज़िबान!” [तो आप अपने रब के कौन कौन से नेमतौं से इनकार करोगे?] (अल-कुरान)

Share This Article
कोई टिप्पणी नहीं

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Trending News

“मैं अंदर थी — आज सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ कानून नहीं, क़ौम खड़ी थी”

"मैं अंदर थी — आज सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ कानून नहीं, क़ौम…

Eastern Crescent

अगली सुनवाई तक कोई नियुक्ति नहीं, वक्फ की वर्तमान स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

अगली सुनवाई तक कोई नियुक्ति नहीं, वक्फ की वर्तमान स्थिति में कोई…

Eastern Crescent

वक़्फ़ अधिनियम 2025 में कुछ संशोधन भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हैं

वक़्फ़ अधिनियम 2025 में कुछ संशोधन भारतीय नागरिकों के मौलिक अधिकारों का…

Eastern Crescent

डिजिटल युआन की खामोश उभार और अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व का विघटन

डिजिटल युआन की खामोश उभार और अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व का विघटन…

Eastern Crescent

अप्रैल 5, 2025

वक्फ़ संशोधन विधेयक 2025: एक संवैधानिक त्रासदी, लेकिन मिल्ली क़ियादत ने मायूस…

Eastern Crescent

Quick LInks

इस्लाम में ईद: एक रूहानी, सामाजिक और सांस्कृतिक मिलन का अवसर

लेखक: मोहम्मद तौक़ीर रहमानी इस्लाम सिर्फ एक धर्म नहीं, बल्कि एक संपूर्ण…

Eastern Crescent

“मैं अंदर थी — आज सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ कानून नहीं, क़ौम खड़ी थी”

"मैं अंदर थी — आज सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ कानून नहीं, क़ौम…

Eastern Crescent

अगली सुनवाई तक कोई नियुक्ति नहीं, वक्फ की वर्तमान स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाए: सुप्रीम कोर्ट

अगली सुनवाई तक कोई नियुक्ति नहीं, वक्फ की वर्तमान स्थिति में कोई…

Eastern Crescent