मरकज़ुल मआ़रीफ़ मुंबई में नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत
(प्रेस रिलीज़)
मुंबई – 25 अप्रैल 2024: मरकज़ुल मआ़रिफ़ एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर (MMERC), मुंबई पिछले कुछ दशकों से मदरसा स्नातकों को अंग्रेजी भाषा और साहित्य की शिक्षा और व्यक्तित्व विकास में बेहतरीन सेवाएं प्रदान कर रहा है। मरकज़ुल मआ़रिफ़ के स्नातक भारत के अलावा दर्जनों अन्य देशों में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। वे देश के विभिन्न स्कूलों, मदरसों, सामाजिक संगठनों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटीयों में शैक्षिक, धार्मिक और सामाजिक सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। अब तक लगभग बीस बैच मरकज़ुल मआ़रिफ़ मुंबई से स्नातक हो चुके हैं और अब वे विद्वान हैं जो इस राष्ट्र और मुस्लिम समुदाय के लिए योगदान दे रहे हैं।
नए बैच का शैक्षणिक सफर बुधवार 24 अप्रैल, 2024 को मगरिब की नमाज़ के बाद मरकज़ुल मआ़रिफ़ मुंबई के कैंपस में स्वागत कार्यक्रम के साथ शुरू हुआ। इस कार्यक्रम में नए छात्रों, शिक्षकों और अधिकारियों के साथ मरकज़ुल मआ़रीफ़ के शुभचिंतकों और मुंबई की प्रमुख हस्तियां अतिथि के रूप में शामिल हुईं।
स्वागत कार्यक्रम का संचालन मरकज़ुल मआ़रीफ़ के वरिष्ठ शिक्षक मौलाना मोहम्मद असलम जावेद का़समी ने किया। नए नामांकित छात्रों को मरकज़ुल मआ़रीफ़ के उद्देश्यों और लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताने के बाद, उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और अन्य शिक्षकों का संक्षिप्त परिचय भी दिया। मौलाना असलम जावेद क़ासमी ने मरकज़ुल मआ़रीफ़ के दूरदर्शी संस्थापक – हज़रत मौलाना मोहम्मद बदरुद्दीन अजमल का़समी का भी धन्यवाद किया और सभी नए छात्रों का स्वागत किया।
इसके बाद, सभी नए छात्रों ने एक-एक करके अपना परिचय दिया, उसके बाद मरकज़ुल मआ़रीफ़ के ऑनलाइन दारुल इफ्ता के समन्वयक और मरकज़ुल मआ़रीफ़ के वरिष्ठ शिक्षकों में से एक मुफ्ती जसिमुद्दीन क़ासमी का भाषण हुआ, जिन्होंने छात्रों को मौजूदा दौर में शांतिपूर्ण ढंग से इस्लाम की दावत देने और लोगों के मन से गलतफहमी दूर करने के लिए अंग्रेजी भाषा के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने नए छात्रों को बहुमूल्य सुझाव भी दिए और उन्हें समय के सदुपयोग और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए अधिकतम प्रयास करने के बारे में मार्गदर्शन दिया।
कार्यक्रम में उपस्थित दारुल उलूम वक्फ देवबंद की मजलिस-ए-शुरा के सदस्य हाफ़िज़ इक़बाल चुनावाला ने भी नए छात्रों को उनके चयन पर बधाई दी और बहुमूल्य सलाह दी। मरकज़ुल मआ़रीफ़ के ब्रांच इंचार्ज मौलाना मुहम्मद अतीकु़र्रहमान क़ासमी ने छात्रों को मरकज़ुल मआ़रीफ़ की ‘ चौबीसों घंटे की दिनचर्या’ के बारे में बताया और सभी छात्रों को पूरे दो साल की अवधि में इसका दृढ़ता से पालन करने की सलाह दी।
उल्लेखनीय है कि मरकज़ुल मआ़रीफ़ के डायरेक्टर मौलाना मुहम्मद बुरहानुद्दीन क़ासमी इन दिनों असम में चुनाव कार्य के लिए गए हैं, जिसके कारण वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सके। स्वागत कार्यक्रम में मौलाना जमील अहमद क़ासमी, मौलाना मोहम्मद तौक़ीर रहमानी, जाफर खान, अब्दुल्ला शेख, मौलाना मुन्नवर मजाहिरी, अहमद हुसैन, मोहम्मद शमीमुद्दीन और अन्य लोग शामिल थे। कार्यक्रम का समापन मरकज़ुल मआ़रीफ़ मस्जिद के इमाम मौलाना मुहम्मद शाहिद का़समी की दुआ से हुआ।